एक बार एक औरत अपने घर के बाहर आई तो उसने देखा की घर के गेट के पास तीन बहुत ही बुजुर्ग आदमी बैठे हुए हैं। देखने में वो कोई बहुत ही महान साधु-संत लग रहे थे। उनके चेहरे से एक खास किस्म का नूर झलक रहा था। लेकिन काफी कोशिश करने के बाद भी वो उनमें से किसी को भी पहचान नहीं पाई। उस औरत को लगा कि यह लोग काफी थके हुऐ और भूखे है। उसने बहुत ही आदर-सत्कार से उन तीनों को घर के अन्दर आकर कुछ खाने-पीने के लिये कहा। उनमें से एक बुजुर्ग ने पूछा कि क्या तुम्हारे पति घर पर हैं? उस औरत ने कहा कि मेरे पति तो काम पर जा चुके है और वो तो अब देर शाम ही लौटेगें। तो उन्होंने ने कहा, फिर तो हम तुम्हारे घर के अन्दर बिल्कुल नहीं आ सकते।
देर रात जब उस औरत का पति घर आया तो उसने दिन का सारा किस्सा अपने पति को सुनाया। पति ने कहा कि तुम अभी जाओ और उन तीनाें बुजुर्गों को घर के अन्दर बुला लाओ। पति की आज्ञा को मानते हुऐ वो औरत उन बुजुर्गों को खाने के लिये बुलाने गई। अब उन्होंने कहा कि हम तीनों एक घर में कभी भी इकट्ठे नहीं जाते। उस औरत ने जब इसका कारण पूछा, तो उनमें से एक बुजुर्ग ने समझाना शुरू किया कि यह मेरे बांये बैठे बुजुर्ग का नाम समृध्दि है, पूरी दुनिया की धन-दौलत इनके इशारों पर ही नाचती है। फिर दूसरे बुजुर्ग की तरफ इशारा करते हुए वो बोले कि मेरे दांये बैठे बुजुर्ग का नाम सफलता है, यह किसी के भी भाग्य को चंद पलों में जमीन से आसमान तक पहुंचा सकते हैं। राजा को रंक और रंक को राजा बनाने में इन्हें एक क्षण का समय लगता है। बात को आगे बढ़ाते हुए उस बुजुर्ग ने कहा कि मेरा नाम प्रेम है, मैं जहां भी जाता हूं प्यार, स्नेह और प्रीति सदा मेरे साथ चलते है।
उस औरत ने अन्दर आकर अपने पति को सारा किस्सा विस्तारपूर्वक सुनाया, यह सब सुनते ही उसका पति खुशी से झूमने लगा, और अपनी बीवी से बोला की तुम सबसे पहले 'समृध्दि' बाबा को अन्दर ले आओ। उनके आते ही सारी दुनिया की सारी धन-दौलत हमारे कदमों में अपने आप आ जायेगी। लेकिन पत्नी ने कहा कि भगवान का दिया हुआ हमारे पास सब कुछ तो है। मेरे ख्याल से हमें समृध्दि बाबा की जगह 'सफलता' के मालिक को घर में बुलाना चाहिये। उन दोनों की एक जवान बेटी जो यह सब कुछ बहुत देर से सुन रही थी, उसने कहा मां मेरे मुताबिक इन दोनों को छोड़ कर हमें 'प्रेम' के बाबा को घर में बुलाना चाहिये। उनके आते ही सारा घर प्यार, स्नेह और खुशियों से भर जायेगा। पति को भी बेटी का सुझाव अच्छा लगा और उसने अपनी पत्नी से प्रेम बाबा को ही सबसे पहले घर के अन्दर बुलाने को कहा।
वो औरत घर के बाहर गई और उसने उन तीनों से पूछा की आपमें से प्रेम वाले बाबा कौन हैं? सबसे पहले वो हमारे घर में मेहमान बन सकते हैं। जैसे ही प्रेम, प्यार और प्रीति के बाबा उठे तो उनके साथ समृध्दि और सफलता वाले बाबा भी उठ खड़े हुए। उस औरत ने हैरान होते हुए कहा कि मैंने तो सिर्फ प्रेम वाले बाबा को ही न्यौता दिया है, फिर आप दोनों क्यूं आ रहे है? इतना सुनते ही वो तीनों बोले कि अगर आपने सिर्फ समृध्दि या सफलता में से एक को बुलाया होता, तो हम बाकी दोनों तुम्हारे घर के बाहर ही रहते, लेकिन तुमने सबसे पहले प्रेम को घर के अन्दर आने का न्यौता दिया है, तो हम दोनों तो हर समय प्रेम के साथ ही रहते है।
जौली अंकल का तर्जुबा तो यही कहता है कि जिस परिवार में प्रेम, प्यार एवं संतोष होगा, वहीं समृध्दि की दौलत के भंडार होते है। सफलता भी केवल सदा ऐसे ही घरों में निवास करती है। प्रेम के बिना तो हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं है। बड़े बुजुर्ग सच ही कहते आए है, कि प्रेम, प्यार से बढ़ कर इस जग में कुछ भी नहीं। प्रेम की डोरी से तो आप सारी दुनिया को एक सूत्र में आसानी से बांध सकते हो।
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