हस्ताक्षर बदल सकते हैं भाग्य
आज तक आपने जन्मपत्री, वास्तु-शास्त्र एवं ज्योतिषयो के माध्यम से ही भाग्य को बदलने के बारें में सुना होगा। लेकिन इन सभी से भी अधिक विष्वसानीय एक कला और भी हैं। इस कला को हस्तलेखन विज्ञान कहा जाता हैं। हस्तलेेखन विज्ञान एक ऐसी वैज्ञानिक तकनीक हैं जिस के द्वारा हम किसी भी व्यक्ति की लिखावट या हस्ताक्षर देख कर उसकी सोच, व्यवहार, सफलता, असफलता, चरित्र एव अन्य सभी बातों के बारें में आसानी से जान सकते हैं। इस तकनीक की सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं कि आप सिर्फ लिखाई देख कर सामने वाले व्यक्ति के सम्पूर्ण व्यक्तित्व के रहस्य को आसानी से समझ सकते हैं। इतना ही नही यदि किसी इंसान के जीवन में किसी प्रकार की कोई कमी हैं तो आप उसके हस्ताक्षर में थोड़ा बहुत बदलाव कर के उसके पूरे जीवन को बदल सकते हैं। हमारे हस्ताक्षर ही एक ऐसी चीज हैं जो सबसे छोटे होते हुए भी हमारे जीवन से जुड़े हर पहलू को बिल्कुल सही तरीके से दर्षाते हैं। ग्राफोलोजी के विषेशज्ञ लिखावट को दिमाग का एक्सरे और आईना मानते हुए कहते हैं कि हमारे हस्ताक्षर हमारे जीवन का सबसे अहम हिस्सा होते हैं। हमारे सिग्नेचर ना सिर्फ हमारे रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करते हैं बल्कि हमारी सफलता और असफलता भी बहुत हद तक इन्ही पर निर्भर करती हैं। कुछ पाठकों को यह बात षुरू में जरूर अजीब लग सकती हैं कि केवल लिखाई को देख कर किसी दूसरे इंसान की योग्यता, व्यवहार, चाल-चलन, उसकी ताकत और कमजोरियों आदि को कैसे समझा जा सकता हैं।
इस बात को समझने के लिये हम इस उदारण को देखते हैं। सबसे पहली बात तो यह हैं कि जिस तरह सारी दुनिया में हर व्यक्ति की षक्ल बिलकुल अलग होती हैं। उगुंलियों के निषान अलग-अलग होते हैं, उसी तरह हर व्यक्ति की सोच और लिखावट भी बिल्कुल भिन्न होती हैं। ऐसे ही जब कोई व्यक्ति फोन पर किसी से बात कर रहा होता हैं तो हम बहुत हद तक यह अंदाजा लगा लेते हैं कि यह किस विशय और किस प्रकार के मूड में बात कर रहा हैं। अगर कोई इंसान प्यार से या गुस्से में बोल रहा होता हैं हम बिना उससे बात किये ही उसके मूड को समझ लेते हैं। इतना ही नही, सिर्फ किसी व्यक्ति के चेहरे के हाव-भाव से भी अंदाजा लग जाता हैं कि इसका व्यवहार या सलूक दूसरे लोगो के प्रति कैसा होगा। हमारे यही विचार फिर रेखाचित्र या ग्राफ के रूप में हमारे सामने आने लगते हैं। इसी कारण इस विज्ञान को ग्राफोलोजी या लिपि विज्ञान कहा जाता हैं।
ठीक इसी तरह हम जब भी हस्ताक्षर करते हैं तो हमारे दिमाग से हमें तुंरत कुछ खास किस्म के सकेंत/सिग्नल मिलने लगते हैं। हमें क्या कुछ और कैसे लिखना हैं, यह सारे सदेंष हमारे दिमाग से ही हमारे हाथ की उंगलियो को मिलते हैं। यहा एक बात ध्यान में रखना जरूरी हैं कि हमारे मूड और आसपास के महौल के मुताबिक हमारी लिखाई और अक्षरों की बनावट में फर्क आ सकता हैं। अनेक देषों के षौधकर्ताओं ने लिखाई के हजारों नमूनों की बारीकी से जांच करने के बाद इस नतीजा निकाला हैं कि दुनिया के सबसे कामयाब कारोबारी, नेता, अभिनेता और अलग-अलग पेषे से जुड़े सभी व्यक्तियों के हस्ताक्षर करने का तरीका तकरीबन एक जैसा होता हैं। उनके अक्षरों का आकार, आकृति बहुत हद तक एक दूसरे से मिलती जुलती हैं। विदेषों में अधिकतर लोग किसी भी नये व्यक्ति को नौकरी देने या उसके कारोबार षुरू करने से पहले उसकी लिखाई और हस्ताक्षर का अध्ययन अच्छे से किसी विषेशज्ञ द्वारा करवाते हैं। लिखावट के बारें में विषेशज्ञ की राय जानने के बाद ही वहां लोग निर्णय लेते हैं कि दूसरे इंसान के गुण, काबलियत, स्वभाव और चरित्र कैसा होगा।
सामने वाला इंसान कितना सच्चा, ईमानदार और आत्मविष्वासी हैं और किस तरह की जिम्मेंदारी निभाने लायक हैं। यहा तक की कुछ लोग तो षादी करने से पहले ही एक दूसरे के हस्ताक्षर की भी जांच करवाते हैं। ऐसा करने से वो यह तह करने की कोषिष करते हैं कि उनका वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा। क्या वो दोनों अपने वैवाहिक जीवन में ठीक से संतुलन बना पायेगे या नही। हस्ताक्षर को समझने वाले इस विज्ञान के माध्यम से यह भी अंदाजा लगा लेते हैं कि कौन सा पार्टनर किस हद तक एक दूसरे का साथ निभा पायेगा। हर व्यक्ति के खास गुणों और विषेशताओं के रहस्य को जानने के लिये उसकी लिखावट, हस्तलेख या हैंड़राटिंग को पहचानने के अनेक पहलू होते हैं। कुछ लोग बिल्कुल सीधा लिखते हैं तो कई लोगों की लिखावट नीचे की और थोड़ी झुकी हुई होती हैं। इसी तरह कई व्यक्ति हस्ताक्षर इस तरह से करते हैं कि वो दाई और से ऊपर की तरफ उठे होते हैं। मौटे तौर पर देखा जाऐं तो जिस तरह इस दुनिया में करोड़ों लोग हैं लेकिन सब की षक्ल और आवाज बिल्कुल अलग होती हैं। उसी तरह हर इंसान के लिखने की षैली दूसरों से भिन्न होती हैं।
हस्तलेख के विज्ञान में छोटी से छोटी बात बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। आपको जानकर हैरानगी होगी कि हमारे हस्ताक्षर में हर छोटे से बिंदु का भी खास महत्व होता हैं। कोई व्यक्ति किस तरह और किस जगह बिंदु लगाता हैं इससे भी उस व्यक्ति की कई विषेशताऐं समाने दिखाई देने लगती हैं। छोटे-छोटे बिंदु मिल कर जब लाईन/रेखा का रूप लेते हैं तो वो हस्तलेख का अध्ययन करने में बहुत मददगार साबित होते हैं। किसी भी इंसान के हस्ताक्षर को जांचने से पहले हमें उस व्यक्ति के लिखने के अंदाज, उसकी लिखावट के स्टाईल, दबाव और प्रेषर को गौर से समझना पड़ता हैं। अब तो आपको भी साफ हो गया होगा कि हस्तलेखन का विज्ञान किसी अनुमान या कल्पना पर निर्भर नही हैं। इसलिये अगर आप भी चाहें तो अपने हस्ताक्षर में थोड़ा बहुत तकनीकी सुधार कर के अपने व्यापार, कारोबार और जीवन स्तर में सुधार ला सकते हैं। इसी के साथ आप हर प्रकार की चिंता, मानसिक तनाव और पारिवारिक समस्यों को भी आसानी से खुषहाली में तबदील करते हुए अपने भाग्य को बदल सकते हैं।
जौली अंकल - 9810064112
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