चंम्पू ने अपने पापा से पूछा कि मैने सुना है कि इंग्लैंड में शादी के कई बरस बाद तक पति-पत्नी एक दूसरे को ठीक से समझ नही पाते। पापा ने गहरी सांस लेते हुए कहा, इंग्लैंड में ही क्यूं हमारे देश में भी ऐसा ही होता है। हर शादी-शुदा व्यक्ति यह अच्छी तरह से जानता है कि शादी का दूसरा नाम ही ंजिदगी से समझोता है। न चाहते हुए भी तुम्हें बहुत से ऐसे काम करने पड़ते है जो सिर्फ तुम्हारे पार्टनर को अच्छे लगते है और जिसमें आपकी कोई रूचि नही होती। किसी शायर ने ठीक ही कहा है कि हर किसी को पूरा जहां तो नही मिलता, किसी को जमीन नही मिलती तो किसी को आसमान नही मिलता। हर किसी को गुहस्थ जीवन की गाड़ी शंतिमय तरीके से चलाने के लिए कहीं न कहीं हालात से समझोता करना ही पड़ता है, अब चाहे वो आपका घर हो दफतर।
रोजमर्रा की जिंदगी से लेकर बात चाहे खाने पीने की हो या कठिन हालात में जीने की असैनिक लोगो के मुकाबले सैनिको को जिंदा रहने के लिए हर प्रकार की नाजुक स्थितियो से रोजमर्रा के जीवन में अधिक समझोता करना पड़ता है। खड़क सिंह ने अपना सारा जीवन देश की सैन्य सेवा को समर्पित करके कुछ अरसा पहले कारगिल युध्द के बाद सेवा-निवृती लेकर अपने घर वापिस आ गया। सेना में नौकरी के दौरान फौजी कुत्तो को प्रशिक्षण्ा देने की जिम्मेदारी निभाते हुए उन्हें कुत्तो से बहुत प्यार हो गया था। सरकारी नौकरी से सेवानिवृत होने के बाद वो अपने आप को अकेला सा महसूस करने लगा था।
कुत्तो के प्रति इसी आर्कषण के कारण वो अपने लिए एक सुन्दर सा कुत्ता खरीदने के लिए अपने इलाके के महशूर जानवरो के डाक्ॅटर के पास पहुंचे जो कुत्तो का इलाज करने के साथ उनको खरीदता और बेचता भी था। उन्होने ने वहां बहुत से सुन्दर-सुन्दर नस्ल के कुत्ते देखे लेकिन वो सभी बहुत ही मंहगे थे। इतनी अधिक कीमत सुनने के बाद फौजी को लगा कि यहां से कोई भी कुत्ता खरीदना उनकी हैसीयत से बाहर था। जब निराश होकर दुकान से बाहर जाने लगे तो खड़क सिंह की नजर उसी दुकान के एक कोने में सोते हुए सुस्त से कुत्ते पर पड़ी। खड़क सिंह ने उस कुत्ते की कीमत पूछी तो दुकानदार ने कहा कि उसको लेकर क्या करोगे? वो तो बहुत बीमार और कमजोर है। खड़क सिंह ने कहा कि तुम वो सब छोड़ो यह बताओ कि तुम वो कुत्ता कितने में दोगे? दुकानदार ने कहा अगर वो तुम्हें इतना ही पंसद है, तो तुम जो भी ठीक समझो वो कीमत दे दो, क्यूंकि मुझे तो उसकी बीमारी पर काफी पैसे खर्च करने पड़ रहे है। लेकिन एक बात का ध्यान रखना कि न तो वो तुम्हारे साथ ज्यादा खेल पायेगा और न ही दौड़-भाग कर सकेगा, क्योंकि उसकी एक टांग बिल्कुल खराब है जिससे वो लगड़ा कर धीरे-धीरे ही मुशकिल से चल पाता है।
खड़क सिंह कुछ पल के लिये गहरी सोच में डूब गया। दुकानदार ने कहा कि मुझे पहले से ही मालूम था कि लंगड़ा कुत्ता जो ठीक से चल फिर और भाग नही सकता उसे कोई नही खरीदेगा? खड़क सिंह ने कहा यह बात नही है, मुझे तो कुछ इसी प्रकार का कुत्ता ही चाहिए। लेकिन आज मेरे पास पैसे कुछ कम है। दुकानदार ने कहा, तुम कुत्ते को ले जाओ बाकी के पैसे बाद में भिजवा देना। लेकिन इसको ले जाने से पहले मुझे एक बात बताओ कि तुम इतने अच्छी नस्ल के कुत्तो को छोड़ कर इस लंगड़े और बीमार कुत्ते को ही क्यूं लेकर जा रहे हो।
बार-बार लंगड़ा शब्द खड़क सिंह को गाली की तरह सीने में चुभ रहा था। उसने अपनी पैन्ट का एक हिस्सा ऊपर उठा कर उस दुकानदार को दिखाते हुए कहा कि यह देखो मैं भी एक टांग से लंगड़ा ही हूँ। मेरी भी एक टांग दुश्मन के साथ युध्द में गोली लगने से कट गई थी। मेरी यह नकली टांग लकडी की बनी हुई है। किसी भी चीज को समझने के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है, किन्तु उसे महसूस करने के लिए अनुभव की आवश्यकता होती है। परंतु यह कितने आश्चर्य की बात है कि कभी-कभी हम अपने सारे जीवन में यह भी नही जान पाते कि कौन हमारा सच्चा दोस्त है और कौन दुश्मन।
जब तक खुद को दर्द नही होता हम लोग किसी दूसरे का दर्द नही समझ सकते। मैं बहुत समय से ऐसे ही कुत्ते की तालश कर रहा था जो मेरी जिंदगी के साथ समझोता कर सके और मेरी तरह मेरे साथ धीरे-धीरे ही चले। अब अगर यह मेरे साथ रहेगा तो हम दोनो एक दूसरे के दर्द और तकलीफ को अच्छी तरह से समझते हुए एक दूसरे का साथ अच्छी तरह से निभा पायेगे। खड़क सिंह जब वो कुत्ता वहां से लेकर जाने लगा तो डॉक्टर ने कहा कि दूसरों की जान बचाने से बड़ा परोपकार कोई नही होता, ऐसे कार्य को केवल इंसान ही नही ईश्वर भी देखते है। खड़क सिंह ने जाते-जाते पीछे मुड़ कर देखते हुए बिना कुछ कहे भी मानों डॉक्टर को यह कह दिया हो कि किसी भी पतिरस्थिति में घबराना नही चाहिए, बल्कि हर हाल में डटकर मुकाबला करना चाहिए।
जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई तो यह है कि दूसरो की सेवा करने वालों को स्वयं कभी कोई कष्ट महसूस नही होता। जौली अंकल विध्दवानों की बात को दोहराते हुए सदैव ही कहते है कि जो इंसान अपनी कमीयों को जानता और समझता है, उसे स्वप्न में भी किसी पराये में कोई कमी नही दिखाई देती। वो हर हालात में दीन-दुखीयो के साथ आसानी से समझौता कर लेता है।
3 टिप्पणियां:
वाह्…………………बहुत ही सरल तरीके से ज़िन्दगी सच्चाई से रु-ब-रु करवा दिया………………॥शुक्रिया।
Thanks a lot for your nice comments.
Regards
Jolly
sab ki yahi kahani hai...
good
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