इस संसार में जीने के लिए हर इंसान को रोजी रोटी कमाने के लिए कोई न कोई काम धंधा तो करना ही पड़ता है। यह भी सच है कि व्यापारी चाहे कोई भी हो उसे हर समय अपने ग्राहको का इंतजार रहता है। चंद दिन पहले कुछ ऐसा ही नजारा शमशान घाट पर देखने को मिला। अंतिम संस्कार के लिए जरूरी सामान और कफन बेचने वाले ने अपने एक साथी से कहा कि आज तो न जानें सुबह किस मनहूस की शक्ल देखी थी कि आज सुबह से एक भी कफ़न नही बिका। इससे पहले वो कुछ और कहता उस के साथी ने कहा कि यह तो कमाल हो गया, तूने मुर्दे को याद किया और वो सामने से अर्थी आ रही है। जोर से ताली बजाते हुए बोला कि इस मुर्दे को भगवान ने कितनी लंबी उंम्र दी है। पैसा कमाने के लालच में आज का इंसान दूसरों के सुख-दुख को भूल कर मानव से दानव बनता जा रहा है। दुनियां के मेले को सजाते समय दुनियां बनाने वाले के दिल मे क्या था, इस रहस्य को तो आज तक कोई ज्ञानी और संत भी नही समझ पाये।
सूरज चांद की तरह भगवान ने इस दुनियां को भी बहुत ही खूबसूरत बनाया था। लेकिन यहां रहने वाले इंसानो ने इस दुनियां को भी अपने ही रंग रूप मे बदल डाला। सूरज और चांद तो आज भी वैसे ही है, परंतु इंसान आज लफगां बन कर दुनियां में नंगा नाच रहा है। दीन धर्म को भुला कर छल-कपट के साथ पैसे के लिये इंसान अपना ईमान बेचने से भी नही डरता। हर कोई मक्कार और आंखे होते हुए भी अंधे बन कर घूम रहे है। दूर-दूर तक कहीं भी राम के भक्त और रहीम के बंदे तो कहीं देखने को नही मिलते, हर तरफ फरेब ही देखने को मिलता है। लाख ढूंढने पर भी भाईचारे का नामों-निशान तक दिखाई नही देता। जहां तक नजर जाती है, चारों और जिंदगी बुरी तरह से रो रही है। प्यार से जीना भूल कर लोग आज आपस में लड़-झगड़ कर एक दूसरे के बच्चो को अनाथ बना रहे है। ऐसा महसूस होता है कि हर इंसान एक दूसरे की मदद करने की बजाए सामने वाले का खेल बिगाड़ने पर उतारू है। पड़ोसियों की बात तो छोड़ो भाई, भाई से ऐसे बात करता है, जैसे किसी के सिर पर बंम्ब का गोला फटता है। अब तो यही लगने लगा है कि वातावरण से खुशी नाम की चीज ही समाप्त हो गई हो।
यह सच है कि जीवन एक नाटक हैं परंतु इसमें अपनी भूमिका किस किरदार में निभानी है यह आप ही को तय करना है। हर इंसान इस बात को अच्छी तरह से समझता है कि भला करने वाले का सदा भला होता है और बुरा करने वाले का सिर्फ बुरा होता है। जो कोई जीवन में संतुलन बना कर रखना जानता है वह हमेशा सुखी रहता है। इस बात से भी कोई इंकार नही कर सकता कि मौत एक कडुवा सत्य है और हर किसी को एक न एक दिन वापिस उस मालिक के पास जाना है जहां से वो इस दुनियां में बिल्कुल नंगा और खाली हाथ आया था। इन सभी बातो के बावजूद भी वो हर समय झूठ बोलने और छल फरेब करने से नही चूकता। हम में से अधिकाश: लोग अपना बचपन खेल कूद में और जवानी सो कर बिताने मे ही विश्वास करते है। परंतु जब बुढ़ापा हमारे करीब आने लगता है तो उस समय हमारी आत्मा कांपने लगती है। कोई कितना भी बड़ा रईस या बाहुबली क्यूं न हो, लेकिन हर किसी को अपने सभी कर्मो का हिसाब इस दुनियां को अलविदा कहने से पहले चुकाने पड़ते है। अंत समय में कोई चाह कर भी किसी का साथ नही निभा पाता, हर किसी को इस दुनियां से वापिसी का सफर अकेले ही तह करना पड़ता है।
ऋषि-मुनियों का कहना है कि संसार एक बड़ी ज्ञान की पुस्तक है, किन्तु जो पढ़ नही सकता उसके लिए किसी काम की नही। पढ़े लिखे होने के बावजूद भी अक्सर लोग जीवन रूपी वृक्ष के ज्ञान को समझने की जगह केवल इसकी टहनियों के नीचे ही खड़े होकर ंजिंदगी गुजार देते है। यदि आप मृत्यु से भयभीत होते हैं, तो इसका अर्थ यह है कि आप जीवन का महत्व ही नही समझते। हमारे जीवन के वही पल सफल हैं, जो अपने प्रियजनों के साथ हंसते खेलते बीतते है। यदि भूल से आपका कोई दिन दुख में बीता है तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ में मत गंवाइये। बीती बातों को भुला देने से जीवन में मधुरता आ जाती है। राजा हो या रंक इस दुनियां से जाते समय यदि इज्जत पानी है तो उसके लिए हमें दूसरों की इज्जत करना भी सीखना होगा। भगवान के घर से इंसान इस दुनियां में बिल्कुल नंगा आता है और इस दुनियां से जाते समय घर वाले सारे कपड़े उतार कर शरीर को एक कफन में डाल कर अंन्तिम संस्कार के लिये ले जाते है। उस समय कफ़न के मन में कितना दर्द उठता होगा जब उसे नर रूपी नरायण की जगह एक दानव के शरीर को पनाह देनी पड़ती है।
आप जीवन में पाने की कामना जरूर कीजिए, परंतु इसी के साथ संतोष करना भी सीखिए क्योंकि जो व्यक्ति संतुष्ट है उससे बड़ा धनवान कोई नही। जौली अंकल कफ़न के दर्द को समझने के प्रयास में और अधिक न कहते हुए यही संदे6ा देना चाहते है कि दुनियॉ की सबसे बड़ी अमीरी धन नहीं है बल्कि प्रसन्नता हैे। हर इंसान को स्वयं की खोज के लिए स्वयं के प्रति सच्चा बनना पड़ेगा, तभी उसमें देव शक्ति उदित हो सकती है।
जिदंगी हसीन है, जिंदगी से प्यार कर,
है रात यदि अंधेरी है तो क्या हुआ, सुबह का इंतजार कर।
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