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मंगलवार, 13 अप्रैल 2010

आखिरी पहर


कुछ दिन पहले चुनाव अधिकारी जब मेरे पड़ोसी के घर मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए आये तो उन्होने घर की मालकिन से उसकी उंम्र जाननी चाही तो उसने झट से कह दिया कि 25 साल। पीछे खड़े उसके पति ने उसे डांटते हुए कहा कि यह सरकारी अधिकारी है। इन्हें बिल्कुल ठीक-ठीक और सही जानकारी देनी होती है। तुम 25-30 साल पहले भी खुद को 25 साल का कहती थी। आज भी अपने आप को 25 साल का बता रही हो। तुम क्या सारी उंम्र 25 साल की ही रहोगी? उस औरत ने पलटवार करते हुए कहा कि मैं तुम्हारी तरह नही हूँ कि एक बार कुछ कहूं और कुछ ही देर में अपनी बात से पलट जाऊ। मैं तो जो भी बात एक बार कह देती  हूँ, हमेशा उसी पर कायम रहती  हूँ। मेरे पड़ोसी ने कहा, मेरे से बाद में झगड़ा कर लेना पहले इन लोगो को अपनी उंम्र ठीक से बता दो। अब वो औरत बोली कि आप लिख दो 25 साल और कुछ महीने। अधिकारी ने कहा कि कितने महीने? परेशान पति बोला, जी आप 25 साल और 200 महीने लिख दो।
आए दिन हम सभी देखते है कि सिर्फ औरते ही नही आदमी भी अपने बालो को रंग और चेहरे पर अनेक प्रकार के तेल एवं क्रीम लगा कर अपनी उंम्र को छुपाने की कोशिश करते है। कारण कोई भी हो इन्सान उंम्र के किसी भी पढ़ाव पर अपने आप को बुढ़ा मानने को तैयार नही होता। बुढ़ापे के नाम से ही लोगो को घबराहट और चिंता सताने लगती है। हालंकि हर कोई यह जानता है कि आज तक चिंता करने से कभी किसी सम्सयॉ का हल नही निकला। उल्टा ंचिंता आदमी को चिता के और नजदीक ले जाती है। हम भारतीय बहुत खुशनसीब है कि अभी तक हमारे देश में पूरे परिवार के सभी सदस्य बर्जुगो को बहुत ही इज्जत और प्यार देते है। जब कभी कोई विदेशी हमारे यहां आते है तो वो यह देख कर हैरान होते है कि हमारे यहां किस तरह से बच्चो को बर्जुगो के प्रति भरपूर प्यार, इज्जत और सम्मान करना बचपन से ही सिखाया जाता है। विदेशो की तरह उनको आश्रम में मौत का इंन्तजार करने के लिये नही छोड़ दिया जाता।
अब अगर हम हकीकत को समझने की कोशिश करे, तो यह पायेगे कि आदमी की सोच और विचारो के बदलते ही आदमी का खान-पान, रहन-सहन, यहां तक की उसकी सारी दुनियां ही बदल जाती है। यह बात भी ठीक है कि बढ़ती उंम्र के साथ शरीर में पहले जैसी ताकत नही रहती लेकिन अगर आप मन से अपने आप को जवां महसूस करते है तो आप सदा के लिए जवान रह सकते है। जिंदगी के प्रति सदा सकारात्मक दृष्टिकोण इसमें काफी हद तक मदद करता है। इस बात को कोई नही झुठला सकता कि बर्जुगो का भी परिवार और समाज की तरक्की में अहम योगदान होता है। आपके ध्दारा किया हुआ एक भी समाजिक नेक कार्य आपको बेशकीमती लाखो दुआऐं दिला देता है। विध्दवान और गुणी लोग सच ही कहते है कि बुढ़ापा शरीर से नही इंसान की सोच में होता है। हर आदमी के अंन्दर एक अच्छा इंन्सान छुपा होता है। जरूरत है उसे जगा कर बाहर लाने की। जो कोई थोड़ा सा प्रयत्न करते है, उन्हें इस कार्य में सदैव सफलता मिलती है। आप चाहे एक आम इंन्सान हो या कोई सेलिब्रिटी, आप अपनी पहचान को भुला कर जिंदगी के हर रंग और हर पल में खुशी पा सकते है।
आप अपनी गली, मुहल्ले या सोसाईटी में होली, दीवाली या नये साल के मौके पर अपनी हिचकिचाहट को मिटा कर बच्चो के साथ-साथ रंगारंग कार्यक्रमों में भाग ले सकते है। इससे आपके अंदर छुपी हुई प्रतिभा को देख कर आपके प्रियजनों को दातों तले उंगुलीयॉ दबाने पर मजबूर होना पड़ेगा। आप जीवन के इस मोड़ पर भी यह साबित कर सकते है कि आपके अंदर पहले जैसा जोश अभी बाकी है। बच्चो की तरह आप सब बर्जुग मिल कर वर्ल्ड सीनियर डे आदि मना सकते है। अपने परिवार के सदस्यो से कुछ अधिक इच्छा रखने की बजाए समय-समय पर उनको मोके के अनुसार कुछ न कुछ प्यारा सा तोहफा भेंट करे, इससे सारे परिवार का भरपूर स्नेह आपको मिलने लगेगा।
छोटे-मोटे दुख एवं परेशानीयॉ तो हमारी जिंदगी का ही एक अंग है। ऐसे में बढ़ती उंम्र के साथ अपनी इच्छाओं पर काबू रखने का प्रयास करते हुए बच्चो और रिश्तेदारो से जरूरत से अधिक अपेक्षाएं न रखें। जीवन के आखिरी पहर में घर वालो की मजबूरीओ को समझते हुए बर्जुगो को छोटी-छोटी बातो पर जिद्द करने से बचने की जरूरत है। बुढ़ापे में अक्सर अनेक लोग क्रोध को एक हथियार के रूप में प्रयोग करते हैं। जबकि मनुष्य क्रोध में, समुंद्र की तरह बहरा एवं आग की तरह उतावला हो जाता है। क्रोध की जगह यदि इंसान नम्रता का कवच पहनता है तो घर वालो के साथ समाज का हर व्यक्ति खुशी-खुशी सहयोग करने को तैयार रहता है। जीवन के सभी उतार चढ़ाव देखने के बाद तो इंसान बुढ़ापे में उस वृक्ष की तरह बन जाता है जो खुद तो हर तरह के तुफानी थपेड़ो को सहते हुए दूसरों को शीतलता प्रदान करता है। बुढ़ापे के सफर में यह छोटे छोटे बदलाव जहां एक और आपके अंदर आत्मविश्वास भर देगे वही आपके जीवन से आपकी सभी परेशानीयॉ को छूमंतर कर देते है। जिंदगी के इस आखिरी पहर में इस जादुई चमत्कार के बाद आप देखेगे कि न सिर्फ आपके घर वाले बल्कि जौली अंकल भी सुबह शाम आपको सलाम करेगे।

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