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बुधवार, 18 नवंबर 2009

स्पैशल हैप्पी न्यू ईयर

घंटे, दिन, हफते और महीनो के साथ-साथ तेजी से बदलते हुए कैलेडंर के पन्नो ने कब एक और साल को अलविदा कहने की कतार पर ला कर खड़ा कर दिया पता ही नही चला। पलक झपकते ही मौसम की तरह कब और कैसे बदल जाते है साल, इस बात की खबर, समय किसी को नही लगने देता। आपने एक बात पर जरूर गौर किया होगा कि अधिकतर लोग नये साल के जश्न पर अपने लिए कोई न कोई नेक प्रस्ताव जरूर बनाते है। वो बात अलग है कि आजकल लोगो की यादशश्त इतनी कमजोर होती जा रही है कि चंद दिनों बाद ही याद नही रहता कि इस नये साल पर उन्होनें अपने लिये क्या प्रण लिया था, फिर ऐसे में उस पर अमल करने का तो प्रश्न ही नही उठता। ऐसा ही एक किस्सा मैं सबके चहेते वीरू का आपको बताता  हूँ। उस दिन मैने जब उसे एक पार्टी में देखा तो वो पैग पर पैग चढ़ाये जा रहा था। मैने उसे याद करवाया कि तुमने तो इस साल के शुरू में वादा किया था कि तुम अब कभी भी दारू नही पीओगे, आज यह क्या कर रहे हो? नशे में टून हो चुके वीरू ने लड़खड़ाती जुबान से नये साल की मुबारक देते हुए कहा कि अभी तो मैने सिर्फ अपने पैसो की पीनी छोड़ी है और फिर आज तो नया साल है। जो सारा साल दारू को हाथ नही लगाते इस दिन तो वो भी दारू का प्यार से गले लगा लेते है। उसके इस जवाब से आपको भी हैरानगी तो जरूर हो रही होगी, लेकिन अधिकाश: लोगो का इस मामले में यही हाल होता है।

नया साल कोई त्योहार न होते हुए भी एक त्योहार से बढ़ कर होता है। चारो और हंसी-खुशी का महौल, छोटे-बड़े सभी संगीत की धुनों पर डांस करते हुए और मस्ती के मूड में देखने को मिलते है। हर कोई पुराने साल को बाय-बाय और नये साल के स्वागत के लिए बड़े ही जोर-शोर से तैयारी करता है। एक और कुछ लोग मंदिर, गुरूद्ववारों में पूजा अर्चना से नये साल की शुरूआत करना पंसद करते है तो दूसरी और कुछ लोग अक्सर नये साल की शुरूआत परिवार वालो और दोस्तो के साथ मिलकर पार्टी करते है। कुछ मनचले युवा सड़को पर हुड़दंग मचा कर और दारू के नशे में डूबने को ही नये साल के जश्न का नाम देते है।

नशे में डूब कर पुराने साल को भूलने और नये साल को याद करने की पंरम्परा कब और कैसे शुरू हुई, इस बारे में तो कोई शौधकर्ता ही प्रकाश डाल सकते है। कोई इंसान कितने ही कष्ट और फटेहाल में जी रहा हो परंन्तु हर कोई नये साल के मौके पर एक दूसरे को सुख, समृद्वी, अमन-चैन, अच्छे स्वास्थ्य के साथ मंगलमई और आनन्ददायी जीवन की कामना करते हुए शुभकामनाऐं देते है। हर साल आम आदमी के लिए हालात बद से बद्तर होते जा रहे है, फिर भी हम सभी नये साल के स्वागत में चाहे बुझे मन से ही सही हर किसी को शुभकामना देने की पंरम्परा तो निभाते चले जा रहे है। आज मंहगाई की इस मार के चलते जब गरीब की थाली से दाल-रोटी रूठती जा रही है, बच्चे दूध के लिये तरस रहे है, ऐसे में कोई अपने प्रियजनों को नये साल की मुबारक दे भी तो किस मुंह से? नये साल की शुभकामना देने के लिये थोड़ी देर के लिये ही सही लेकिन अपने चेहरे पर खुशी कहां से लाऐं।

पिछले साल भी हमने अपने दोस्तो और रिश्तेदारों को नये साल की शुभकामना देते हुए भगवान से प्रार्थना की थी कि सभी का जीवन आनन्ददायक, शांतमई और सुखदाई हो, लेकिन हुआ सब कुछ इसके उल्ट। ऐसा लगता है कि भगवान ने भी गरीबो से रूठ कर अमीर व्यापारियो, जमाखोर और भ्रष्ट नेताओ से दोस्ती कर ली है। आखिर वो ऐसा करे भी क्यूं न? गरीब आदमी जहां रूप्ये-सवा रूप्ये का प्रसाद चढ़ा कर अपनी मांगो की लंबी लिस्ट भगवान के सामने रख देता है, वही बड़े-बड़े घपले करने वाले नेता आऐ दिन लाखो-करोड़ो का चढ़ावा भगवान के चरणों में आर्पित करते है। अभी तक तो यही सुनने को मिलता था कि ईश्वर सभी को सुख देता है, लेकिन आजकल के हालात देखने से तो यही महसूस होता है कि जिस देश की सरकार आम आदमी की कमर तोड़ने के लिये अपनी कमर कस ले, उस बेचारे को भगवान भी नही बचा सकता। देश की जनता किस हाल में और कैसे गुजारा कर रही है, इस बात से हमारे देश के रहनुमा बिल्कुल बेखबर होकर शानदार होटलों में नये साल का जश्न मनाने में मशगूल है।

क्या हमने कभी यह जानने का प्रयास किया है कि नये साल के स्वागत करने का सबसे बढ़िया तरीका क्या हो सकता है? जी हां नये साल की शुरूआत करने का सबसे बढ़िया तरीका है अपनी सभी परेशानीयां और गमों को भुलाकर हंसते'-हंसते नये साल का अभिनंदन करे। हम सभी का चहिये कि अपने बड़े-बर्जुगो का अच्छे सम्मान करते हुए उनसे आर्शीवाद ले, क्योंकि घरों में बड़े बुजुर्गों के अपमान से अच्छे संस्कारों की बहने वाली गंगा सूख जाती हैं। नये साल के मौके पर जो कोई संकल्प करो उसे बीच-बीच में दृढ़ता का ठप्पा लगाते रहो तो एक दिन आप अवश्य विजयी बन जाओगे।
हम लाख चाह कर भी देश की भ्रष्ट व्यवस्था को नही बदल सकते। अब यदि हमें जीवन में हर परिस्थिति का सामना करना ही है तो इसे प्रेम से क्यों न करें? इस बार नये साल के प्रस्ताव के बारे में जौली अंकल तो यही सदेंश देना चाहते है कि अपने दुखों को भूल कर सबके प्रति भाई-भाई की दृष्टि रखने से आप सदा प्रेमयुक्त रह सकते है। नववर्ष कैसा हो इस परेशानी को भूल कर एक बार फिर से हिम्मत दिखाते हुए नई ऊर्जा के साथ बुलंद आवाज में कहो स्पेशल हैप्पी न्यू ईयर।  

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