एक चुनावी सभा में एक गरीब व्यक्ति ने नेता जी से पूछ लिया कि पिछले 60 सालों से आप जो हसीन और रंगीन सपने हमें दिखाते आ रहे हो क्या कभी वो हकीकत में तबदील हो पायेगे? क्या आपके द्वारा दिखाया हुआ कोई भी सपना आज तक सच हो पाया है? नेता जी ने चेहरे पर लंबी सी मुस्कान बिखरते हुए कहा कि आप यह क्या कह रहे हो? सपने तो हमेशा सच होते है। अभी मैने कल रात ही एक सपना देखा कि मैं सो रहा हूँ। मैने झट से उठ कर देखा तो मैं सच में सो रहा था। यह हकीकत थी या मजाक उस गरीब आदमी की समझ में कुछ नही आया। हमारे नेताओ की सबसे बड़ी खासयित यही है कि जनता जब कभी कोई सीधी बात करे तो जनता को उन्ही के सवालों में उलझा दो। फिर जनता हर बात का अपनी समझ अनुसार मतलब निकाल अपास में उलझती रहेगी और नेता लोग चैन की बंसी बजाते हुए यह सारा नजारा देख कर प्रसन्न होते रहेगे।
भाईचारे और एकता का सदेंश लिये बरसों पुराने एक गीत को सुन कर आज भी आखें नम हो आती है। इस गीत के बोल कुछ इस प्रकार है - ना तू हिंदू बनेगा, न मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है, इंसान बनेगा। यह बात तो हर कोई जानता और समझता है कि भगवान ने हमें हिंदु, मुसलमान, सिख या ईसाई बना कर नही भेजा। जिस परिवार में हमारा जन्म होता है, हम सभी उसी के संस्कारों और धर्म से जुड़ जाते है। भगवान ने सभी इंसानो को बिल्कुल एक जैसे हाथ पैर, आंख, कान आदि देकर भेजा है। यदि भगवान ने हमारा कोई एक खास धर्म तह भी करना होता, तो जहां उसने हमारे शरीर के इतने सारे अभित्र अंग बनाये है, वही हमारे माथे या हाथ पर हमारे धर्म का नाम भी अंकित कर सकता था।
धर्म के नाम पर समाज को बांटने वालों ने क्या कभी यह जानने की कोशिश की है, कि जब कभी हम किसी बीमारी या चोट लगने के कारण अस्पताल में मृत्यु शैया पर पड़े होते है, तो उस समय जो रक्त हमें दिया जा रहा है, वो किस धर्म से ताल्लुक रखने वाले का है? हमारा इलाज करने वाले डॉक्टर और अन्य चिकित्सा अधिकारी किस मजहब से जुड़े हुऐ है। ऐसे महौल में हम मौत से बचने के लिये इस प्रकार की सभी बातो को भूल जाते है। कोई इंसान चाहे सारा जीवन किसी भी धर्म को मानता रहे लेकिन यदि एक दिन अचानक किसी कारणवश वो अपना धर्म परिवर्तन करता है, तो क्या उसके हाथ-पांव या चेहरे में कोई बदलाव आ जाता है। धर्म बदलने से यदि कोई चीज बदलती है तो वो है सिर्फ उसके मन के विचार। केवल विचारो के बदलने से ही हमारे विचार एक धर्म से बदल कर दूसरे धर्म की और झुक जाते है।
अग्रेजो द्वारा बहुत ही चतुराई से चलाई गई एक दूसरे को बांटो और राज करो की राजशासन की नीति के बीज पिछले 60 सालों में हमारे देश के हर हिस्से में अपनी जड़े अच्छी तरह से जमां चुके है। उन्ही की दिखाई हुई राह पर चलते हुए हमारे देश के नेता आजादी से लेकर आज तक दुहरी नीति अपनाते रहे है। अपने भाषणों में जहां वह लोग धर्म-जाति के नाम पर भेदभाव खत्म करने और उदारीकरण की बात कहते है वही दूसरी और अधिक से अधिक मत पाने के लिये इन्ही सभी चीजों का खुल कर चुनावों में इस्तेमाल करते है।
हमारे देश के रहनुमाओं के पास न जाने जादू की कौन सी ऐसी छड़ी है कि सदियों से हर सुख-दुख में एक दूसरे का साथ देने वालों के रिश्तो को एक क्षण में तार-तार कर देते है। इन लोगो के भहकावे में आकर हम अपनों का खून बहाने से भी नही हिचकते। नेताओ के भहकावे में आकर हम यह भी भूल जाते है कि कपटी और मक्कार तो केवल थोड़ी देर के लिये ही खुश होता है, परंन्तु ईमानदारी के सामने वह बाद में हमेशा रोता ही है। अब तक हुए अनेक चुनावों में हम कई बार देख चुके है कि जो कोई नेता अपनी गर्दन ऊंची रखता है, वह सदा मुंह के बल गिरता है। ऐसे लोगो को एक बात सदैव याद रखनी चहिये कि ईश्वर के समक्ष सभी एक समान हैं न कोई छोटा होता है न कोई बड़ा। कुछ नेता थोड़ा बहुत पढ़-लिख जाने के कारण खुद को बहुत बड़ा विद्ववान समझने लगते है, जबकि सच्ची महानता तो इंसान के व्यवहार से पहचानी जाती है।
दिन, महीने और साल बीतते-बीतते देश को आजाद हुए आज छह दशक बीत चुके है, परन्तु देश के अमीर आदमी हर दिन और अधिक अमीर, गरीब मजदूर, किसान और गरीब होते जा रहे है। इस बात को जानते हुऐ भी कि प्यार से रहने वालों में एक दूसरे के प्रति स्नेह और विश्वास बढ़ता है, देशवासीयों में देश के प्रति प्यार और आपसी भाईचारा हर दिन कम होता जा रहा है। जो इंसान सच्चे ह्नदय से दूसरो की सेवा करते है उन्हें जीवन में कभी कोई कष्ट नही होता। हमें कभी भी किसी का दिल नही दुखाना चहिए, क्योंकि हर दिल में ईश्वर का वास होता है। सभी नेताओ से जनता की एक ही प्रार्थना है कि आप राजनीति के खेल में चाहें कुछ भी खेल खेलों लेकिन यदि अपनी वाणी सत्य पर आधरित रखोगे तो आपको सदा सुख ही सुख मिलेगा।
हंसी खुशी और प्यार की दुनियां में जीने वाले जौली अंकल देश को राह दिखाने वालों को यही कहना चाहते है कि जहां प्यार होता है वहां तो चारों और खुशीयां ही खुशीयां महकती है, इसलिये सभी देशवासीयों को प्यार से मिलकर जीने दो।
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