एक बहुत ही बड़े व्यापारी के लड़के ने जब अपनी पढ़ाई पूरी कर ली तो उसने अपने पिता से कहा कि मैं भी आपकी तरह अच्छे और कामयाब तरीके से व्यापार करना चाहता हूँ। मुझे भी व्यापार के सारे गुर सिखाओ। पिता ने उसे टालते हुए कहा कि अभी तुम बहुत छोटे हो, उंम्र और तर्जुबे के साथ तुम खुद ही धीरे-धीरे सब कुछ सीख जाओगे। लेकिन जैसा अक्सर होता है, आखिर में बेटे की जिद्द के आगे उस व्यापारी को झुकना पड़ा। उस व्यापारी ने अपने बेटे से कहा कि यदि तुम सच में अच्छा व्यापार शुरू करना चाहते हो तो घर की छत पर जाकर वहां से छंलाग लगाओ। बेटे ने हैरान होते हुए कहा कि पिता जी यह आप क्या कह रहे हो? घर की दूसरी मंजिल से छंलाग लगाते ही मेरे तो हाथ पांव टूट जायेगे। पिता ने कहा कि तुम तो बहुत डरपोक किस्म के इंसान हो, मुझे समझ नही आता कि तुम व्यापार कैसे कर पाओगे?
बेटे ने हैरान होते हुए अपने पिता से कहा कि मैं आपकी इस बात को बिल्कुल समझ नही पा रहा कि व्यापार का छत से कूदने का क्या संबध है। उस व्यापारी ने अपने बेटे को समझाते हुए कहा कि तुम एक बात तो मानते हो कि मैं तुम्हारा पिता हूँ और मैं कभी भी तुम्हारे बुरे या नुकसान के बारे में नही सोच सकता। पिता के बार-बार समझाने और आश्वासन को मानते हुए उस लड़के ने तुंरन्त छत से छंलाग लगा दी। नीचे गिरते ही उसके दोनो हाथ और पैर टूट गये। लड़के ने गुस्सा करते हुए अपने पिता से कहा कि आप तो कह रहे थे कि हम सभी परिवार वाले नीचे खड़े है और तुम्हें किसी भी हाल में कोई चोट नही लगने देगे। परन्तु मेरे छंलाग लगाते ही आप सभी लोग पीछे क्यूं भाग गये? अब उस व्यापारी ने अपने बेटे को समझाते हुए कहा कि असली व्यापार करने का सबसे पहला गुर यही है, कि व्यापार करते समय लेन-देन में कभी किसी सगे रिश्तेदार पर भी एतबार मत करो क्योंकि कोई भी इंसान तुम्हें कभी भी धोखा दे सकता है।
क्या यह सच है कि आज के इस युग में पैसा कमाने के लिये हमें सभी संस्कारो और परिवारिक मूल्यों को ताक पर रख देना चहिये। क्या समाज में हम एक दूसरे के प्रति विश्वास के बिना एक दिन भी जी सकते है? इसी बात को गहराई से समझने के लिये मैं आपको एक और वाक्य बताता हूँ जो कुछ इस प्रकार है। एक बार एक राजा रात के अंधेरे में अपने राज्य के लोगो की सम्सयाओं को जानने के लिये भैस बदल कर रात को अपने घोड़े पर सवार होकर घूम रहा था। कुछ दूरी पर ही उस राजा को भिखारी के भैस में एक लुटेरा मिल गया। उसने राजा से छल-कपट करते हुए उसका घोड़ा और सारा कीमती समान, गहने आदि छीन लिये। जब वह लुटेरा वहां से जाने लगा तो उस राजा ने उसे रोक कर कहा कि तुम इस सारे वाक्य का जिक्र कभी किसी से मत करना। कारण पूछने पर उस राजा ने कहा कि मैने तुम्हें एक बहुत ही दुखी और लाचार इंसान समझ कर तुम्हारी मदद करने की कोशिश की थी परन्तु तुमने मुझ से धोखे में सब कुछ छीन लिया। अब यदि यह बात आम लोगो को पता लगेगी तो लोग एक दूसरे के ऊपर विश्वास करना छोड़ देगे। कभी भी कोई भी इंसान किसी दीन दुखी को मजबूरी में भी देख उसकी मदद के लिये आगे नही आयेगा।
इस प्रकार की छोटी-छोटी कहानीयों से यह तो साबित हो जाता है कि जल्द से जल्द और अधिक पैसा कमाने की इस आपाधापी में हम अपने पराये का फर्क भूल कर हर रिश्ते को पैसे की तराजू में तोलने लगे है। अपनी और परिवार की जरूरतो को पूरा करने के लिये मेहनत से धन कमाने में कोई बुराई नही है। लेकिन छल कपट और गलत तरीको से पैसा कमाने की हौड़ में कई बार व्यापारिक और परिवारिक रिश्ते जीवन भर के लिये टूट जाते है। हमें यह कभी नही भूलना चहिये कि दुनियॉ की सबसे बड़ी अमीरी धन नहीं है बल्कि परित्याग है। रोजगार कमाने के लिये आप जीवन के किसी भी क्षेत्र से जुड़े हो लेकिन एक बात का सदैव ध्यान रखे कि हर सफलता की शुरूआत लडखडहाट से ही होती है इसलिए जल्दी से आपको घबराने की जरूरत नहीं। यदि आपके मन में दृढ़ निश्चय व विश्वास है तो आपकी विजय निश्चित है, अगर संकल्प कमजोर है तो आपको पराजय का मुंह देखना पड़ सकता है। इंसान चाहें अपने घर में हो या व्यापार में उसका व्यवहार ही उसके व्यकितत्व को निखारता है।
दूसरों के प्रति अपने विश्वास को कायम रखते हुए हमें केवल अपनी मेहनत पर भरोसा करना चहिये, क्योंकि मेहनत करना हमारे हाथ में है और सफलता देना ऊपर वाले के हाथ में। पहले से ही किसी चीज की लाभ-हानि का अनुमान लगाना ठीक है। परन्तु हमें तो सदैव अपने कर्म पर ही ध्यान देने की जरूरत है। हमें यह कभी नही सोचना चहिये कि व्यापार के उतार-चढ़ाव में हमारा कुछ दोष है। लाभ और हानि कभी भी हमारे प्रयासों से नही बल्कि प्रभु की मर्जी से होते है।
जौली अंकल की सुने तो वो सीधी-सादी भाषा में यही कहते है कि जो इंसान केवल अपने लिए ही सब कुछ पाने की इच्छा रखता हो, उसे तो सिर्फ स्वार्थी ही कहा जा सकता है। मेहनत करने से लक्ष्य की प्राप्ति सरल व सुनिश्चित हो जाती है और सभी प्रियजनों के बीच में आपका विश्वास भी कायम रहता है।
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