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गुरुवार, 17 दिसंबर 2009

कड़वी सच्चाई के अनोखे रंग

एक दवा बनाने वाली कम्पनी के शोधकर्ताओ ने उन्नत अनुसंधान करते हुए एक ऐसी दवा का आविष्कार किया जिसके खाने से लाख कोशिश करने के बावजूद आदमी अपने मन की हर बात सच-सच कहे बिना नही रह सकता था। उस दवा को बाजार में ग्राहको के पास भेजने से पहले कम्पनी ने उसकी जांच करने का कार्यक्रम बनाया। एक सुझाव के मुताबिक उस दिन कम्पनी में इन्टरव्यू के लिये आए हुए लोगो पर प्रयोग करने का मन बनाया गया। जैसे ही पहला उम्मीदवार इन्टरव्यू देने के लिये कमरे में आया तो उसे पानी के साथ उस दवा की एक गोली भी खाने को दी गई। अब उस गोली ने क्या-क्या रंग दिखाए आओ मिल कर देखते है।
मैनेजर - आप इस नौकरी के लिए ही क्यूं आए हो?
उम्मीदवार - मैने तो बहुत सी नौकरीयो के लिये अलग-अलग प्रार्थना पत्र भेजे थे, लेकिन आप ने ही केवल इस नौकरी के लिए मुझे बुलाया है।
मैनेजर - आप हमारी ही कम्पनी में क्यूं काम करना चाहते हो?
उम्मीदवार - मुझे अच्छी तनखवाह और अधिक पैसो की सख्त जरूरत है। अब कम्पनी घटिया हो या बढ़िया मुझे उससे क्या फर्क पड़ता है।
मैनेजर - हम आपको ही यह नौकरी क्यूं दे?
उम्मीदवार - आपने किसी एक को तो यह नौकरी देनी ही है, फिर खाम-ख्वाह क्यूं अपना समय बर्बाद कर रहे हो?
मैनेजर - अगर कम्पनी में कोई आपात स्थिति बन जाती है, तो तुम पहले अपने आप को बचाओगे या कम्पनी को?
उम्मीदवार - यह तो उस समय के हालात और अपने मूड के हिसाब से ही सोचूगा।
 मैनेजर - तुम्हारी सबसे बड़ी ताकत क्या है?
उम्मीदवार - आप जैसी घटिया किस्म की कम्पनी में नौकरी के लिए आना क्या किसी ताकत से कम है।
मैनेजर - अगर तुम्हें इस कम्पनी का सबसे बड़ा पद दे दिया जाए तो तुम क्या करोगे?
उम्मीदवार - सबसे पहले तो तुम्हारे जैसे घटियॉ मैनेजर को यहां से निकाल दूंगा।
मैनेजर - जीवन की सबसे बड़ी चुनौती किसे मानते हो?
उम्मीदवार - क्या यहां बैठ कर तुम्हारे जैसे आदमी को इतनी देर से जवाब देना किसी चुनौती से कम है।
मैनेजर - तुम अपनी पहले वाली नौकरी क्यूं छोड़ना चाहते हो?
उम्मीदवार - क्या पागलो वाली बात कर रहे हो। हर कोई अधिक पैसा कमाने के लिये काम करता है। मैं भी पैसे के लिये यह सब कुछ कर रहा  हूँ।
मैनेजर - आपकी सबसे बड़ी कमजोरी क्या है?
उम्मीदवार - सुन्दर लड़कियॉ, वैसे आपके स्वागत कक्ष में बैठी नीली आखों वाली लड़की भी बहुत कमसिन है।
मैनेजर - तुम्हारे जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य क्या है?
उम्मीदवार - किसी भी तरह इस कम्पनी के मालिक की कुर्सी तक पहुंचना ही मेरा एक मात्र लक्ष्य है।
इससे पहले की कम्पनी का मैनेजर कुछ और सवाल पूछता, उस के मालिक ने उससे कहा कि हमें यह दवा बनाने की जरूरत नही है। क्यूंकि सच्चाई इतनी कड़वी होती है, यह तो मैने कभी सोचा भी न था। जौली अंकल की राय में सच्चाई कड़वी तो जरूर होती है, लेकिन अगर आपकी वाणी सदा सत्य पर आधरित होगी तो ही जीवन में सच्चा सुख मिलेगा।       

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